रवांडा गोरक्षक भेजने की बात ही छोड़ो, किरन रिजूजी ने तो डंके केी चोट पर कहा कि वह गोभक्षी है उसे कोई नहीं रोक सकता उसकी तो लिंचिंग कर नहीं पा रहे हैं। पार्रिकर ने गोवावासियों को रियायती दर पर गोमांस आपूर्ति का वादा किए, सुना है किसी जानलेवा बीमारी का इलाज कराने अमरीका गए हैं। मणिपुर मे एक भाजपा विधायक ने तो चुनाव प्रचार में गाय काटते हुए अपना पोस्टर छपवाया था। जब ये गोरक्षक इनकी लिंचिंग नही कर पाए तो रवांडा जाने की औकात कहां? सरकारी शह पर ये झुंड में किसी अकेले-दुकेले मुसलमान की ही लिंचिंग कर सकते हैं। बजरंगी (और गैरबजरंगी भी) गुंडे कुत्तों की तरह कायर होते हैं, झुंड में शेर हो जाते हैं, अकेले में पत्थर उटाने का नाटक करते ही दुम दबाकर भाग जाते हैं।
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