Suhel Nadeemईश्वर आत्मबल विहीन लोगों का संबल है तथा धर्म अज्ञान और भय का परिणाम। मैं तो सारे भगवानों की ऐसी-तैसी करता हूं, जो बिगाडना हो बिगाड़ ले। भगवान इतना निर्बल है कि भक्तों को उसकी रक्षा में उतरना पड़ता है। वही तो मैं पूछ रहा हूं भगवान ने हम सबको बनाया है तो उसे किसने बनाया? भगवान ने मनुष्य को नहीं बनाया बल्कि मनुष्य ने भगवान की अवधारणा गढ़ा और इसीलिए देश-काल के हिसाब से उसका स्वरूप बदलता रहता है। खुदा 7 वीं सदी में आया उसके पहले कौन मनुष्य बनाता था?
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