संघी नराधम देश को बर्बाद करके छोड़ेंगे। कभी बुर्का पहनकर मुहर्रम के कार्यक्रम में लड़कियां छेड़ेंगे तो कभी जेयनयू में उसे देशद्रोह का अड्डा साबित करने के लिए भारतविरोधी नारे लगाएंगे, कभी गोली टोपी लगाकर किसी सार्जनिक भवन पर पाकिस्तानी झंडे फहराएंगे तो कभी गोंडा के हिंदू युवा वाहिनी के दीक्षित की तरह गाय काटते पकड़े जाएंगे (कोई गोभक्त दीक्षितों का गांव जलाने नहीं पहुंचा, न पकड़ा जाता तो सोचिए गोरक्षक हत्यारे क्या करते?)। मानता के हत्यारे, देशद्रोही नफरत फैलाने का काम अपनी पैदाइश से ही करते आए हैं पहले अंग्रेज शासकों की शह पर राष्ट्रीय आंदोलन को कमजोर करने के लिए करते थे अब साम्राज्यवादी पूंजी की लूट की राह आसान करने के लिए। फासीवादी, कॉरपोरेटी हिंदुत्व का विनाश हो।
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