पूर्वी उत्तर प्रदेश में छठ पूजा बिहार की तरह बड़े स्तर पर नहीं मनाई जाती थी, उससे बड़े स्तर पर तो पंचई (नाग पंचमी) मनाई जाती थी, आज एक पारिवारिक आयोजन में गया था, एक युवा रिश्तेदार ने, लगता है मुझे छेड़ने के लिए, इस लहजे में इस बार डल लेक में छठ मनाने की बात कही जैसे धारा 370 में संशोधन से डल का पट्टा उनके नाम हो गया हो। मैंने कहा दीवाली के बाद नवंबर में कभी छठ मनाने के लिए आप डल में कुछ मिनट खड़े हुए तो वह आपकी अंतिम छठ होगी। बुरा मान गए। दूसरे थोड़ा उम्रदराज रिश्तेदार ने कहा अब 370 हट गया तो कश्मीर का औद्योगिक विकास होगा, मैंने पूछा आपके उप्र में तो 370 नहीं है कितना विकास हुआ? वे भी बुरा मान गए।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment