आजमगढ़ जिले के एक सीमांत गांव में पला-बढ़ा, हाई स्कूल तथा इंटर की पढ़ाई नजदीकी शहर जौनपुर से करके 1972 में इवि विज्ञान संकाय में दाखिला लिया 1976 में आपातकाल में भूमिगत जीवन की संभावनाओं की तलाश में दिल्ली आ गया। इवि के एक सीनियर की तलाश में जेयनयू पहुंच गया वे तो जेल में थे लेकिन इवि के ही एक अन्य सीनियर के कमरे में शरण मिल गयी।आपातकाल के बाद 1977 में जेयनयू में दाखिला मिल गया और फिर 10 साल के लिए वही अपना गांव देश बन गया। फिलहाल दिवि का सेवानिवृत्त शिक्षक हूं।
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