कोशिस तो की जा सकती है। 13 साल पहले मैं हॉस्टल का वार्डन बना, मेरे पहले वाला वार्डन अक्सर पुलिस बुलाता था, मैं सोच कर आया था कि जिस दिन पुलिस बुलाना हुआ मैं अपना सामान बांधूगा। हमारे बच्चे अपराधी तो हैं नहीं। अगर स्टूडेंट्स के लिए पुलिस बुलाना पड़े तो आप शिक्षक नहीं हैं। मेरी जेएनयू की ट्रेनिंग। हमने कई नई चीजें शुरू की। मेरे पहले वाले वार्डन ने कहा कि गधों को रगड़ रगड़ के घोड़ा नहीं बनाया जा सकता। मैंने कहा मेरा काम है रगड़ना, क्या पता बन ही जाएं। हॉस्टल के बच्चों के साथ 3 साल खूबसूरत साल थे। सब बेहतर इंसान बन कर निकले और प्यार से वे दिन याद करते हैं, मैं भी।
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