कई बजरंगियों पर माओ और लेनिन का भूत इस कदर सवार रहता है कि बात-बेबात माओ माओ अभुआने लगते हैं। गोडसे की बात हो रही थी कि एक सज्जन ने पूछ दिया माओ ने क्या किया था? उस पर:
Laxman Tiwari Benaam आप बताएं माओ ने क्या किया था?। माओ का भूत आपको ले डूबेगा। क्या जानते हैं माओ के बारे में? माओ ने प्राइमरी के मास्टरों को विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों के बराबर दर्जा दिया था। आप माओ के चीन में होते तो मजे करते। आप तो वैसे ही अनपढ़ता की वकालत करते हैं। बाभन से इंसान बनना इतना मुश्किल नहीं हैं। कूंटने -कुंटने से मुक्त हो जाएंगे। मैंने तोआप पर इतना समय इसलिए खर्च किया कि थोड़ा दिमाग का इस्तेमाल करेंगे। लेकिन आप तो खूंटा गाड़ कर बैठे हैं। न पढ़ना-लिखना एक शिक्षक के लिए अपराध है।
Laxman Tiwari Benaam चीन में असली लोकतंत्र था, अब चीन में पूंजीतंत्र है। ऑनलाइन ही कुछ पढ़ लें। माओ की सारी रचनाएं उपलब्ध हैं। इतना लिखा है कि पूरी जिंदगी पढ़ सकते हैं। चीन की महान सांस्कृतिक क्रांति पर भी प्रचुर साहित्य उपलब्ध है। थोड़ा पढ़कर माओ माओ करेंगे तो बात में प्रामाणिकता आएगी अन्यथा दिमागी दिवालियापन एक्सपोज करते फिरेंगे। प्रणाण। फिलहाल अंतिम संवाद।
Laxman Tiwari Benaam चीन में असली लोकतंत्र था, अब चीन में पूंजीतंत्र है। ऑनलाइन ही कुछ पढ़ लें। माओ की सारी रचनाएं उपलब्ध हैं। इतना लिखा है कि पूरी जिंदगी पढ़ सकते हैं। चीन की महान सांस्कृतिक क्रांति पर भी प्रचुर साहित्य उपलब्ध है। थोड़ा पढ़कर माओ माओ करेंगे तो बात में प्रामाणिकता आएगी अन्यथा दिमागी दिवालियापन एक्सपोज करते फिरेंगे। प्रणाण। फिलहाल अंतिम संवाद।
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