Friday, August 16, 2019

लल्ला पुराण 256 (बौद्धिक में सवाल)

Shailesh Dwivedi अनुभवजन्य ज्ञान है कि संघ में पढ़ना-पूछना मना है। शाखा की बौद्धिक में प्रश्न पूछना मना है। ( आप अगर शाखा में नहीं गए तो ड्रिल और कबड्डी-खो के अलावा कभी कभी कोई अफवाहों से लैस विद्वान भाषण देता है, उसे बौद्धिक कहते हैं)। आप जितने स्वयंसेवकों को जानते हैं उनमें सबसे पूछिए (और यदि आप स्वयंसेवक रहे हैं तो अपने आप से भी) कितनों ने संघ में गीता की तरह पवित्रवमानी जाने वाली उपरोक्त पुस्तकें पढ़ा है? वैसे ही जैसे बिना गीता पढ़े भक्त उसे पवित्र पुस्तक मानते हैं। गोगोई के पिता कांग्रेसी थे, वे कांग्रेसी हो भी सकते हैं नहीं भी। मेरे पिता कर्मकांडी ब्राह्मण थे मैं ब्राह्मणवाद विरोधी नास्तिक हूं।

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