बचपन में गांव में एक कहावत थी कि भूत की चुटिया रख लेने से वह वशीभूत हो जाता है उससे जितना मर्जी काम कराइए। मेरी एक बुआ के यहां ऐसे ही एक भूत मुफ्त में मजदूरी करता था। पशों के लिए खेत से चारा ले आना, मशीन पर से बालना खिलाना-पिलाना, गाय-भैंस चराना आदि सब काम जान लगाकर करता था और खूब भात खाता था। कई साल रहा फिर एक दिन कहीं भाग गया। कहा गया कि उसकी चुटिया भूंसे में छिपाकर रखी थी, उसे मिल गयी और लेकर भाग गया। हुआ यह होगा कि कोई मानसिक विक्षिप्त व्यक्ति मिल गया होगा जिसे फुसलाकर ये लोग लाए होंगे और किसी दिन उसे इनकी चाल पता चल गयी और वह बेगारी छोड़कर चला गया होगा।
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