Amit Singh बात सही हो या गलत नहीं, बात या तो सही होती है या गलत। क्या महान काम किया है आरयसयस ने? आप माधवराव सरदाशिव गोलवल्कर की पुस्तक 'बंच ऑफ थॉट' या 'वि ऑर ऑवर नेशनहुड डिफाइन्ड' पढ़ लीजिए तो इनके पावन विचारों का आभास हो जाएगा। गोलवल्कर के भगत सिंह पर विचार पढ़ लीजिए। ऑन लाइन खोजिए मिल जाएगा।आरयसयस में अनुशासन के नाम पर पढ़ना-पूछना हतोत्साहित किया जाता है इसलिए 99% स्वयंसेवक संघ की गीता मानी जाने वाली इन पुस्तकों को भी नहीं पढ़ता। मैंने पढ़ा है। या मानवता को खंड-खंड करती दीनदयान की अखंड मानवतावाद पढ़ लीजिए, जिसमें वे बुद्ध को मातृधर्म का गद्दार बताते हैं। आरयसयस ने इतिहास के नाम पर अफवाह फैलाने और सांप्रदायिक नफरत फैलाने तथा दंगे करवाने के अलावा क्या किया है? युवा विद्यार्थी हैं तथ्य-तर्कों के आधार पर ज्ञान अर्जित कीजिए, अफवाहों या कहा-सुनी के आधार पर नहीं। मैं आरयसयस में रहा हूं और एबीवीपी का प्रदेश स्तरीय नेता रह चुका हूं। हमें भी बिना क्या? के जवाब के यही मालुम था आरयस ने महान गौरवशाली काम किए हैं।
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