Maneesh Tiwari देश आपका भी है लेकिन आप देश नहीं हैं। पेप्सी बेचने वालों का भी देश है लेकिन एक दिन उनके खराब खेलने से वेस्टइंडीज भारत को रौंद नहीं डालता। कोई 2 कौड़ी का सड़क छाप अमेरिकी लंपट किसी रेस्ट्रां में घुस कर हिंदुस्तानी मूल के लोगों पर गोली चलाते हुए बोलता है, 'मेरे देश से निकल जाओ', उसके बाप का देश हो जाता है। मिथकों के मातृहंता परशुराम को भगवान मानेंगे तो ऐसी ही सोच बनेगी। 2 लेखों के लिंक दिया हूं, पाप न लगे तो पढ़ने की कृपा करें। आभारी रहूंगा।
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