1930 की मंदी का मुख्य कारण था राज्य के हस्तक्षेप से स्वतंत्र निजी मुनाफे के सिद्धांत पर आधारित एडम स्मिथ के राजनैतिक अर्थशास्त्र के फरेब का पर्दाफास। उसका कहना था कि ज्यादा-से-ज्यादा निजी मुनाफे से ज्याद-से-ज्यादा सार्वजनिक हित होगा। ज्यादा से ज्यादा मुनाफा ज्यादा-से-ज्यादा लूट और धोखा-धड़ी से कमाया जाता है, जन-कल्याण से नहीं। मजदूर मजलूम होता गया, बेरोजगारी बढ़ती गयी, लोगों की क्रयशक्ति घटती गयी, उत्पादन घटता गया बेरोजगारी और बढ़ती गयी....., केंस ने एडमस्मिथ को हटाया और रूजवोल्ट ने न्यूडील लागू किया, सार्वजनिक उपक्रम शुरू हुे राज्य कल्याणकारी बनकर अर्थनीति का नियंता बना और पूंजीवाद धराशायी होने से बच गया।
विस्तार से फिर लिखूंगा। औद्योगिक देशों के 1930 दशक के संकट के सारे लक्षण हमारे मुल्क की आर्थिक हालात में दिख रहे हैं, वह संकट कल्याणकारी रीज्य से दूर किया गया, मौजूदा संकट कल्याणकारी राज्य के विघटन का परिणाम है।
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