जैतापुर
ईश मिश्र
परमाणु ऊर्जा है देश की शान
अमैरिका का है यह ऐलान
विश्व बैंक का भी यही फरमान
चाहता यही हर समझदार इंशान
मुखालफत करता जाहिल किसान
बर्बाद करता है दो कौड़ी की जान
यह तो है विधि का विधान
रखता परमाणु बम का तूफान
चाहता
लोगों से बलिदान
अपना भारत हो गया महान
हो गया है ऐसा अमरीका से करार
गरीब-बेरोजगार हो जायेंगे फरार
जिद्दी होंगे महंगी गोली के शिकार
चेर्नोबिल-फुकोसीमा का व्यर्थ हाहाकार
देशद्रोही चाहते गिरना सरकार
क्या हुआ हो गयी जो कुछ पीढिआ बेकार
[मार्च-अप्रैल २०११]
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