तोड़ता है उंच नीच की दीवारें मार्क्सवाद
खोदता है कब्र मर्दवादी शरमायेदारी की लेनिनवाद
जरदारी के वर्चस्व मानव मुक्ति है साम्यवाद
नारी प्रज्ञा और दावेदारी हुआ है जो मुक्तनाद
भयभीत हो हुजूम में घुसपैठ कर रहा मनुवाद
लगाने लगा बेसुरे नारे नारी-मुक्ति जिंदाबाद
ये फरेबी है जो पढने-लिखने-सोचने से आज़ाद
चाहते भटकाना मर्दवादी घुसपैठिये रास्ते से नारीवाद
पहचान गया गया है आवाम इनकी फरेबी खुराफात
करना ही होगा लगातार बमबारी मर्दवादी मनुवाद के गढ़ पर
करना पडेगा तगडा प्रहार भारतीय संस्कृति के पाखण्ड पर
खींचती हैं जो नारियों के लिए लक्षमण रेखाएं
आयोजित करती है जो जहालत की अग्नि परीक्षाएं
अब उम्दा है जो समंदर नारीवादी अभियान का
अंत कर देगा नापाक हिन्दुत्ववादी अभिमान का
रोकना है सचमुच अगर बलात्कार
कर दो अग्नि-परीक्षाओं और लक्षण-रेखाओं का संहार
[२६.०४.२०१३]
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