Sunday, April 28, 2013

आदर्श है हमारा दशरथ पुत्र राम

हम हैं भारतवासी बहुत महान
आदर्श है हमारा दशरथ पुत्र राम
बाहुबल से जो सीता को जीतता है
प्रेम प्रस्ताव जब सूर्पनखा का पता है
नाक-कान उसके काट लेता है
 जब  बानरी सेना बनाना चाहता है
कपिराज बाली को बाधक पाता  है
करता है उस पर छिप कर कायराना हमला
हो जाता है पीछेउसके भालू बानर का अमला
जब पाला उसका लंका राज रावण से पड़ता है
बांटो और राज करो की नीति अपनाता है
लोभ दे राज-पाट का विभीषण को तोड़ लेता है
जीतने को लंका अपनाता साम-दाम-भेद-दंड की नीति
चली आयी थी यही रघुकुल की गौरवशाली रीति
फहराता है जबविजय लंका पर विजय पताका
सीता को लेकर चिंतित है हो जाता
करता है आयोजित अग्नि परीक्षा
कहा थी यही रघुकुल नीति की इच्छा
जब राजा अयोध्या का बन जाता है
सीता से निजात का रास्ता खोजता है
मिल ही जाता है उसे एक बहाना
था उसे जब महल से सीता को निकालना
समझता था वह गर्भवती सीता का मर्म
निभाना था उसे लेकिन वर्नाश्रमी राजधर्म
तभी हिल जाता है ब्रह्मांड एक शूद्र संबूक की तपस्या से
ह्त्या कर निहत्थे तपस्वी की निजात पाता इस समस्या से
हम हैं भारतवासी बहुत महान
आदर्श है हमारा दशरथ पुत्र राम
[ईमि/२८.०४.३०१३]


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