ये जो खानदानी जनतांत्रिक नवाब हैं हमारे
सिराज्जुद्दौला के भेष में मेरे जाफर हैं सारे
ओबामा के जार-खरीद गुलाम हैं बेचारे
विश्व बैंक के टुकड़ों पर फिरते हैं मारे मारे
ओबामा खुद भी तो गुलाम है जरदारों का
क्या करें इन गुलामों के गुलाम बेचारों का
सो रहा है मिथ्या चेतना में जब तक आवाम
कर देंगे ये गुलाम मुल्क का काम तमाम
मुझको तो है जनता की शक्ति में यकीन
बना देगी एक दिन जर के गुलामों को खाकनशीन
[ईमि/२२.०४.२०१३]
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