Thursday, April 11, 2013

वियोग की पीड़ा


सुख होगा जितना सघन संयोग का
उतनी ही सघन वियोग की पीड़ा
[ईमि/११.०४.२०११]

2 comments:

  1. वाह! बहुत खूब | अत्यंत सुन्दर रचना | नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें |

    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    Tamasha-E-Zindagi
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