Sunday, June 30, 2019

लल्ला पुराण 233 (असहमति)

Anand K Singh समाज बहुत लोगों से नहीं, बहुत किस्म के लोगों से बना है, असहमति स्वाभाविक है, किंतु असहमति फतवेबाजी पर नहीं तथ्य-तर्कों पर आधारित होनी चाहिए। हम शिक्षकों को अपनी बात जिस भी भाषा में कहें अभिव्यक्ति तार्किक होनी चाहिए।

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