Saturday, June 29, 2019

बुर्के-घूंघट को तार-तार करने वाली स्त्रियां

पवित्रता की अग्निपरीक्षा देकर
अपवित्रता के संदेह में निर्वसन स्वीकारने वाली त्रेता की सीता
नहीं बन सकती मर्दवाद के राक्षस से लड़ने की शक्ति
वह धरती में समा ही सकती है परित्यक्त आभूषण की तरह
न ही पांच भाइयों में बंटने वाली तीरंदाजी की प्रतियोगिता की पुरस्कार
जुए में माल की तरह दांव पर लगाई जाने वाली द्वापर की द्रौपदी
बन सकती अंतरिक्ष नापने वाली आज की स्त्री की मिशाल
सोने के पिंजरे में गौरवान्वित मैना नहीं समझ सकती आजादी का मतलब
इसीलिए मुझे अच्छी लगती हैं
बुर्के और घूंघट को तार-तार करने वाली स्त्रियां
आसमां की सीमाओं को चीर कर नई ऊंचाई गढ़ने वाली लड़कियां
मर्दवादी मर्यादाओं को चकनाचूर करने वाली लड़कियां
सती सावित्री को नहीं
मैरी वोलस्टोनक्राफ्ट और रोजा लक्जंबर्ग को आदर्श मानने वाली लड़कियां
पाजेब को तोड़कर झुनझुना और आंचल को फाड़कर परचम बनाने वाली लड़कियां
आजादी की नई परिभाषा गढ़ने वाली लड़कियां
प्रतिबंधों और निषेधों का निषेध कर आजादी की नई परिभाषा गढ़ने वाली लड़कियां
क्योंकि सारे प्रतिबंध और वर्जनाएं मर्दवाद के औजार हैं
स्त्री यौनिकता पर नियंत्रण के जरिए उसके व्यक्तित्व परलनियंत्रण के।
(ईमि:29.06.2019)

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