राष्ट्रवाद एक खतरनाक नशा है
जिसके बाद दिल-ओ-दिमाग में
ऩफरत भर जाती है
ऐसे लोगों के खिलाफ
जिन्हें हमने कभी देखा नहीं
न ही जिनने हमारा कोई बुरा किया है
राष्ट्रवाद के नशे के बाद
हम अपने उन शासकों की पूजा करते हैं
जिनकी देवत्व की आभा
लिखती है हमारा लहू पीने इबारत
हम उन दुश्मनों के खून पीने को मचल उठते हैं
जिनसे हमारी कोई दुश्मनी नहीं है
राष्ट्रवाद एक ऐसा नशा है
जिसके बाद आप गर्व करते हैं
उन बातों पर जिसमें आपका कोई हाथ नहीं है।
Hey! This post could not be written any better! Reading through this post reminds me of my previous room mate!
ReplyDeleteHe always kept chatting about this. I will forward this
write-up to him. Pretty sure he will have a good read.
Many thanks for sharing!