जो विपत्ति में भगवान भगवान अभुआते हैं, उनकी नास्तिकता संदिग्ध है। हम जानते हैं जो भगवान एक कलम नहीं खोज सकता, अपना सोना नहीं बचा सकता वह बेचारा विपत्ति में किस काम का? भिखमंगे आस्तिक होंगे, नास्तिक आत्मबल से इतना ओत-प्रोत होता है कि उसे इंसानों के रहमोकरम पर रहने वाले किसी अगवान-भगवान से कुछ मांगने की जरूरत नहीं पड़ती। वैसे भगवानों में शिव का चरित्र ज्यादा रोचक है।
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