ग्रंथों में लिखा है स्वर्ग-नर्क का द्वार
ब्राह्मण के चरणों में खुलता है
तब से वह नर्क भेजने की धमकी देने लगा है
मुझे स्वर्ग का मोह नहीं तो मेरा क्या?
नर्क का डर क्यों दिखाते हो पंडित जी
वैसे नजारे तो यहां रोज ही दिखाई देते हैं
मंदिरों मे पड़ी अकूत दौलत
बाहर गरीब भीख मांगते दिखाई देते हैं
कहते हो भारत कभी जगतगुरू होता था
यहां तो अंगूठा काटने वाले गुरू ही दिखाई देते हैं
स्वर्ग में अप्सराओं की बात तो देवता ही जानें
धरती पर आता जब ईश्वर
प्रणय निवेदन पर काट लेता है स्त्री के नाक कान
ले लेता है तपस्या करने पर शूद्र की जान
स्वर्ग-नर्क अपने पास ही रखिए पंडित जी
हम तो धरती पर ही मुक्ति चाहते हैं
अगर है कहीं स्वर्ग तो
उसे धरती पर उतारना चाहते हैं।
(ईमि: 05.06.2019)
(बस यूं ही)
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