काश मैं भी इस विरले दिन होता आपके शहर में
बह गया होता आपकी मेहमाननवाजी के बहर में
मुबारक हो दुनिया को यह मुबारक तारीख
आयी जब इस दुनिया में आपकी तस्वीर शरीफ
दुआ है हर साल यह हो तारीख लेने की नई उड़ान
इतनी की सीमा हो न जिसकी कोई भी आसमान
(18.02.2018)
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