Wednesday, February 14, 2018

विद्रोह का साहस

लल्लनटॉप मिजाज है तुम्हारी गज़ल का
मजाज सा अंदाज है विप्लवी अल्फाज का
गजब की पैनी धार है तुम्हारे कलम का
विद्रोह है सौंदर्य तुम्हारे रचना-कर्म का
विद्रोह का साहस हैअपने आप में श्रृजन
सरोकार हो अगर स्वजन नहीं, आमजन
काश भाषा समृद्ध होती और मैं भाषाविद होता
तुम्हारे कलम की क्रांति के कशीदे लिखता
तारीफ से फूलकर कुप्पा मत हो जाना
क्रांति अभी दूर है लगातार लिखते जाना
साधुवाद।
(कविता कृष्णपल्लवी की कविता पर कमेंट)
[ईमि:15.02.2018)

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