Friday, September 22, 2017

बीयचयू की संघर्षरत छात्राओं की आवाज़

सुनो भारतीय संस्कृति स्वघोषित ठेकेदारों
मनुवादी अमानवीय शास्त्र के कुत्सित हरकारों सुनो
सुनो नैतिकता की खाल में मर्दवादी मर्यादा के दावेदारों
और बीयचयू के शाखा मृग कुलपति जो भी नाम है तुम्हारा
तुम भी सुनो
इन निडर, साहसी वीरांगनाओं के इंकिलाबी नारों की ललकार
स्त्री-प्रज्ञा और दावेदारी की झूमती दरिया की
उमड़ती लहरों की गर्जना सुनो
सुनो फैज अहमद फैज का बयान सुनो
"यह दरिया जो झूम के उट्ठा है, तिनकों से न रोका जाएगा"
सलाम बहादुर बेटियों। पढ़ते-लड़ते बढ़ते चलो।
(ईमि:22.09.2017)
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