Tuesday, September 5, 2017

गौरी लंकेश को नमन

तुम मारते हो जब भी कोई सुकरात
तर्क से देते हैं हम जवाब
तुम हमारे विचारों डर कर
हमारी हत्या कर देते हो
हम मरते नहीं
करते हैं तर्क से प्रतिकार
क्योंकि हम विचार हैं
विचार मरते नहीं
रचते हैं तर्कों का नया संसार
मारोगे कितने सुरात-गैलेलियो-गौरी लंकेश
फैलाते रहेंगे हम दुनिया में सत्य का संदेश
तुम हमसे ही नहीं इतिहास से भी डरते हो
इतना डरते हो कि पढ़ते ही नहीं
नहीं तो जानते
करते हो जब भी हत्या हमारी डराने के लिए
हम न मरते हैं न डरते हैं
मौत से बेखऔप आगे ही बढ़ते हैं
और भी बुलंद होती है तर्क की आवाज
तुम डरकर मर जाते हो
और हम विचार बन इतिहास रचते हैं
तुम बिलबिलाते हो इतिहास किसी घिनौने कीड़े की तरह
गौरी की शहादत को जय भीम-लाल सलाम
गौरियां मरती नहीं विचार बन इतिहास रचती हैं
और कब्र खोदती है धर्मांता की
जब भी हत्या करता है
कोई भी एथेंस किसी भी सुकरात की
बीज बोता है अपने विनाश का
और समा जाता है काल के गाल में
गौरी मरी नहीं जिंदा रहेगी
बनकर निर्भीकता और साहस की मिशाल
गौरी लंकेश की की कुर्बानी को विनम्र नमन।
(ईमि: 06.09.2017)

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