आज ही भ्रष्टाचार में एक न्यायाधीश की खबर है। वे सारी बातें न्याधीशों पर भी लागू होती हैं जो औरों पर। कई बाभन ही रह जाते हैं, कई इंसान बन जाते हैं। मैंने आपको बताया यह एक रूपक है। अहिर से इंसान बनना भी कहा जा सकता है। लेकिन अपने से शुरू करना ठीक लगता है। मैं ब्राह्मण के खिलाफ नहीं हूं, ब्राह्मणवाद के । ब्राह्मणवाद एक विचारधारा है जो व्यक्तित्व का मूल्यांकन कर्म या विचार के आधार पर न कर, जन्म के आधार पर करती है। जो जन्मना अब्राह्मण ऐसा करता है वह नवब्राह्मणवादी है। नवब्राह्मणवाद ब्राह्मणवाद का पूरक है और उतना ही खतरनाक। दुर्भाग्य से, समाज में बहुमत इन्ही दोनों का मिलाकर है। मायावती को भाजपा के समर्थन से सरकार बनाने में कोई हर्ज नहीं होता।
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