पक्ष तो धर्मांधता की बुनियाद पर सत्ता की सीढ़ी चढ़ा ही है
मोदी ने मंच से बाबा बलात्कारी का कसीदा पढ़ा ही है
अटल जी आध्यात्म में नाचते थे बापू आशाराम के साथ
नहीं जानते थे शायद वे उसके बलात्कारी होने की बात
मचा रहे हों जब बलात्कारी के भक्त भीषण उत्पात
विपक्ष को क्यों मार गया है आपराधिक मौन का सन्निपात?
आपराधिक आध्यात्मिकता में रहा है उसका भी हाथ
अभी जनता में भी नहीं है वह नैतिक जज्बात
कि उमड़े नस्लवाद के खिलाफ बोस्टन सा जनसैलाब
(ईमि: 26.08.2017)
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