डॉ. कफील होते तुम अग़र डॉ. कपींद्र
बच जाते शायद बर्खास्तगी से और सिर पर मंडराते देशभक्तों की झुंड न्याय के खतरे से
लेकिन आपका कफील होना तो एक जीववैज्ञानिक दुर्घटना है
जैसे कपींद्र का कपींद्र होना
आप भी जानते हैं, हम भी और पाखंडी भी
बर्खास्त होना चाहिए था उस दिमागी दिव्यांग मंत्री को
जो दिव्य ज्योतिषज्ञान देता है
अगस्त को नौनिहालों की मौत का महीना बताता है
लेकिन देशभक्तों को सौ खून मॉफ है
मानता हूं कि आप नेक इंसान हैं
हकीकत यह भी है, जीववैज्ञानिक दुर्घना से ही सही
कि आप मुसलमान हैं
इतना ही काफी है
झुंड में शेर बनने वाले कायर कुत्तों की तरह देभक्ती न्याय के लिए
इसलिए बुजुर्ग होने के नाते देता हूं एक नेक सलाह
बैठा लीजिए दिमाग में मगर कहिएगा नहीं किसी से यह बात
वेसे तो आप पर निश्चित ही निगरानी होगी देश-भक्तों की
आंख बचाकर गोरखपुर से छूमंतर हो जाइए
किसी नए शहर में भूमिगत हो विज्ञान पढ़ाइए
नहीं है यह कोई इतनी नयी बात
इतिहास में भरे पड़े हैं अधेर नगरी-चौपट राजा के मिशालात
हर निशा के बाद भोर है कुदरती रिवाज
खत्म ही होगा यह अंधेर नगरी का चौपट राज
तब एक ऐसी सुबह हम मिल-जुल लाएंगे
भूमिगतता को अप्रासंगिक बनाएंगे
गढ़ेगें देशभक्ति की नई परिभाषा
नफरत नहीं होगी मनव मुक्ति जिसकी अभिलाषा
(ईमि: 13.88.2017)
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