Tuesday, August 22, 2017

मार्क्सवाद 72 (16 घेटे की मजदूरी)

8 घंटे काम करने वाले चपरासी का इंजीनिय बेटा इसलिए 16 घंटा काम करता है कि इंजीनियर बेटे को थोड़ा ज्यादा रकम देकर पूंजीपति उसका सारा समय खरीद लेता है और एक इंजानियर से 3 इंजानियर का काम लेकर 2 इंजीनियर बेराजगार रखता या बनाता है। और जिसे रखता है उसे मशीन बना देता है उसके पास जीने का वक्त नहीं बचता, आजादी-गुलामी के बारे में सोचने के वक्त की बात ही छोड़िए। 2 नौकरी न होने से नौकरी की तलाश के अलावा देश-दुनिया के बारे में सोच नहीं पाते और एक नौकरी होने से नौकरी के अलावा कुछ नहीं सोच पाता।

No comments:

Post a Comment