जनकवि पाश को याद करते हुएः
सपने हर किसी को नहीं आते
सच कहते हो कामरेड पाश
सपनों के लिए मज़बूत कलेजा चाहिए
क्रांति का जज़्बा चाहिए
नहीं आते सपने जड़ समाज को
और कठमुल्लावीद को
लाशों के शहर में नहीं आते सपने
सपने ज़िंदा क़ौमों की निशानी हैं
सपने उन्हें आते हैं
समझते हैं जो हैवानियत लूट-खसोट की
रोता है जिनका दिल
इंसानियत की सिसकियों के साथ
वायदा करते हैं, कामरेड पाश
नहीं होने देंगे सबसे खतरनाक बात
नहीं मरने देंगे सपनों को
(ईमिः28.03.2014)
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