दोगलेपन की पहचान है संघी
सांम्राज्यवाद का कारिंदा संघी
सच से रहता दूर है संघी
अफवाहों का पुलिंदा है संघी
पैदल होता दिमाग से संघी
करता ज़हालत का प्रसार है संघी
लाशों का ब्यापारी संघी
नफरत का हुंकारी संघी
आवाम का है दुश्मन संघी
टाटा का सेवक है संघी
अंबानी का राजदुलारा संघी
गांधी का हत्यारा है संघी
लगाता गांधीवाद का नारा संघी
अमरीका का दरबारी संघी
हिटलर का है पुजारी संघी
फासीवाद का हरकारा संघी
गांधी का हत्यारा संघी
देता गांधीवाद का नारा संघी
करता पीयम का ऐलान है संघी
बघारता तटस्थता ज्ञान है संघी
फैलाता नफरत का ज़ुनून है संघी
बताता इसको कुदरत का कानून संघी
बजरंगी हैवान है संघी
मोदियापे की शान है संघी
.................,
(ईमिः12.03.2014)
पुनश्चः
खाक में मिल गये जब सब हिटलर हलाकू
किस खेत की मूली हैं वहाबी-बजरंगी फेकू
टकराती है काली टोपी जब भी आवाम से
भष्म हो जाती है जंग-ए-आज़ादी के ताप से
धर्म-जाति की तंद्रा से जब जागेगा इंसान
मिट जायेगा गोली-टोपी खाकी-निक्कर का निशान
आयेगी ही जब जनवाद की आंधी
धूल में मिल जायेंगेै सब नकली गांधी
(ईमिः12.03.2014)
पुनः पुनश्च
सुन असलियत अपनी बौखलाता है संघी
गाली-गलौच में बड़बड़ाता है संघी
(ईमिः12.03.2014)
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