मोदी लहर है एक अफवाह
हिटलर के वारिसों की वाह वाह
उठेगी बनारस से जो चिंगारी
खाक करदेगी नगपुरिया मक्कारी
सिखलायेगी सबक इनको काशी
बनेगी जो मोदियापे की सत्यानाशी
नमो नमो स्वाहा, संघी जहालत स्वाहा
अंबानी की दलाली स्वाहा
अदानी की दीवानगी स्वाहा
अदानी की दीवानगी स्वाहा
टाटा की सेवा स्वाहा
काली टोपी स्वाहा
खाकी निक्कर स्वाहा
(ईमिः17.03.2014)
बुरा ना मानो होली है ।
ReplyDeleteholi ki vilambit badhai
ReplyDeleteआपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति बुधवारीय पहेली चर्चा चर्चा मंच पर ।।
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Deleteशुक्रिया
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बुधवार (19-03-2014) को समाचार आरोग्य, करे यह चर्चा रविकर : चर्चा मंच 1556 (बुधवारीय पहेली) पर भी है!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
शुक्रिया सर, देर से देखा इसलिए चर्चा में शगीक न हो पायो.
Deleteहसीं खाब है एक दीवाने का
ReplyDeleteहसीं खाब है एक दीवाने का
ReplyDeleteमोदी को धकियाने का।
हसीं खाब है एक दीवाने का
ReplyDeleteमोदी को धकियाने का।
पग पग ठोकर खाने का।
खुद को ही ठगियाने का
शौक है अपना मोदिआए ज़ाहिलों को रुलाने का
Deleteखॉब हो हमारा एक सुंदर दुनिया बनाने का
हरामखोरी और दुख-दर्द को दूर भगाने का
समता और जनवाद के ज़ज़्बात को जगाने का
किया फैसला हमने कंटीले रास्तों पर चलने का
पग-पग पर मौजूद ठोकरों को धता बताने का
नभ में चमक रही थी चपला
फिर भी नहीं तनिक मैं विचला
ओलों की बूंदाबांदी में
उदधि थहाने था जब निकला
छेड़ा है फासीवादी मंसूबों के खिलाफ अभियान
चलता रहेगा जब तक जान में है जान
मिचा देंगे मोदियापे का नाम-ओ-निशान
लायेंगे ही हम दुनिया में एक नया बिहान
जागेगा इस मुल्क का छात्र-ओ-नवजवान
दफ्न हो जायेगा तब मोदियापे का शैतान
मुक्त होगा ज़ुल्म से मजदूर-ओ-किसान
मिट जायेगा ज़ुल्म-ओ-सितम का निशान
बनेगा तब इंसानियत का आलीशान मकान
न कोई रंक होगा न होगा कोई राजा
ताज़-ओ-तख्त तब बज जायेगा बाजा.