मोदी ने किसानों और आदिवासियों की जमीने अंबानियों-अदनानियों-टाटाओं औरक अपने अन्य कारपोरेटी ताऊ-चाचाओं को देकर, मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाकर, सरकारी स्कूल बंद करके, किसानों की आत्महत्या करवाकर, टाटा को 17600 करोड़ (गुजरात की सालाना बज़ट का 25 प्रतिशत) टाटा को 0.1 प्रतिशत ब्याज पर 20 साल के लिए और अहमदाबाद के समीप 100 एकड़ जमीन टाटा को शहर बसाने के लिए देकर जरूर विकास का काम किया है. जिस अदनानी की बेटी की शादी में मोदी 2 दिन तक वर-बधू को आशिर्वाद देते रहे उसे कच्छ के किसानों की 17500 एकड़ से अधिक जमीन 12 रूपये प्रतिवर्ग मीटर से भी कम दर पर अपने बाप की जागीर समझकर दान कर चुके हैं. किसानों की 170 आपत्तियां विचाराधीन हैं. विकास जरूर किया है मोदी ने लेकिन गुजरात का नहीं अपने कारपोरेटी आकाओं का विकास किया है, जिनका जरखरीद है यह जाहिल
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