जब से सुरू हुआ भेद इंसान और इंसान में
कहते हैं आई है सभ्यता तभी से जहान में
करती है सभ्यता इंसान में दोगलेपन का संचार
भरतीहै मन में उसके कई धूर्त विचार
है दिखना चहता वह जो होता नहीं
करना चाहता है जो कहता नहीं
कहता है जो वह करता नहीं
(ईमिः26.03.2014)
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