Friday, April 3, 2015

सियासत 9

जिस मुल्क में पढ़े-लिखे जाहिलों का प्रतिशत अपढ़ जाहिलों सेे अधिक हो वह मोदी-शाह जैसे अपराधी गिरोह से शासित होने को अभिशप्त है. अडवाणी-जोशी भी क़ॉरपोरेटी-दलाली द्वारा मुल्क की नीलामी की नीतियां ही अपनाते, मोदी डंके की चोट पर किसोनों की बेदखली कर मुल्क नीलाम कर रहा है. यही ताकतें पहले अंग्रेजों की दलाली कर रहीं थीं, तब वे मीरजाफर-रामनारायण-सिंधिया-पेशवा-निज़ाम ... नामों से जानी जाती थीं. अाजादी की लड़ाई के दौरान अंग्रेजी राज की दलाल ताकतों ने हिंदूमहासभा-मुस्लिमलीग, अारयसयस-जमाते इस्लामी नाम ले लिया. अब भूमंडलीय साम्राज्यवाद की दलाल ताकतें काँग्रेस-भाजपा-सपा-बसपा अादि नामों से जानी जाती हैं.अौपनिवेशिक साम्राज्यवाद तथा मौजूदा भूमंडलीय साम्राज्यवाद में खास फर्क़ यह है कि अब किसी लॉर्ड क्लाइव की जरूरत नहीं है, सारे सिराजुद्दौला भी मीरजाफर बन गये हैं.

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