Sunday, April 19, 2015

लल्लापुराण 163 (सियासत 11)

Umashankar Singh कोई परेशानी में नहीं पड़ा है, हत्यारे-बलात्कारी अगर सांसद-विधायक हो रहे हैं तो यह राजनैतिक दलों तथा उन्हें चुनने वालों का चरित्र उन्ही डकैतों सी है. रामाधीन जी जिस दल में हैं उसका तो अध्यक्ष ही क्लीनचिटिया अपराधी है अौर उसका विकासपुरुष  ही जनसंहार का अायोजक है. मूंजे अौर गोलवलकर  क्रमशः मुसोलिनी अौर हिटलर के भक्त थे. संघ साहित्य में लिखा है. बजरंगी लंपटों के पास तर्क होते  नहीं तो लेनिन-माओ के भूत के प्रभाव में अभुअाने लगते हैं. इंटरनेट पर इनके लेखन उपलब्ध हैं अपने अफवाहजन्य ज्ञान को थोड़ा प्रामाणिक बना लें. पूर्वांचल गाइड में यह सब नहीं मिलता.

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