Wednesday, April 15, 2015

दलित विमर्श 11

Alok Kumar Pandey अंबेडकर यकायक नागपुर के नायक बन गये. वे हिंदू राष्ट्र की भावना को इतिहास का कलंक मानते थे, अापको इसमें क्या अधूरापन दिखता है? अाप पूरी बात बताइये. अटल जी 1942 में क्रांतिकारियों की मुखविरी करते थे. इसमें अधूरी बात क्या है? संघ स्वतंत्रता अांदोलन का विरोध ( गोलवलकर की उपरोक्त पुसतक बंच ऑफ थॉट पढ़ें) अौर सांप्रदायिकता के जहर से समाज को खंडित कर अंगेजों की दलाली करता था, इसमें अधूरी बात क्या है? अटल जी ने 13 दिन के प्रधानमंत्रित्व में 1 ही काम किया यनरॉन को काउंटर गारंटी दिया. डॉ. अंबेडकर को नायक मानते हो तो WORSHIPING FALSE GOD में कुतर्कों के माध्यम से उन्हें खलनायक साबित करने वाले,अौने-पौने दामों में राष्ट्र की संपत्ति क़ॉरपोरेट के हवाले कर अरबपति बनने वाले पूर्व-मंत्री अरुण सौरी की भर्त्सना करिये. यदि मनुस्मृति का दाह करने वाले अबेडकर को नायक मानते हैं तो मनु को सर्वश्रेष्ठ विधिवेत्ता मानने वाले गोलवलकर अौर दीनदयाल उपाध्याय की भर्त्सना कीजिये. दिवि मंडल विरोधी उन्माद के दौरान संघी-कांग्रेसी भाई-भाई थे.

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