Umashankar Singh & lalit mishra. जी ऋगवेद पूरा पढ़ा है, हवा में नहीं बात करता. अाप ने नहीं पढ़ा है. अाग जिलाने की विधि का अन्वेष्ण क्रांतिकारी अन्वेषण था इसी लिये अंगिरा ऋषि देवतुल्य माने जाते हैं. अाप भी पढ़ लें. इन्टरनेट पर उपलब्ध है. सब पर तथ्यों के साथ बात करो संघी अफवाहों पर नहीं. संघी जहालत का अनुभवजन्य ज्ञान है, रामाधीन जी से पूछ लो 17 साल में विद्यार्थी परिषद का बड़ा नेता था. नक्सली नरसंहार के बारे में क्या जानते हो संघी अफवाहों के अलावा? 1984 अौर 2002 के जनसंहारों में यह फर्क है कि 1984 में सामूहिक बतात्कार नहीं हुये, दोनों ही राज्य प्रायोजित जनसंहार थे. संघ तो जहालत ही सिखाता है इसके बावजूद बकवास करने के लिये कुछ पढ़ लीजिये तो बेहतर होगा. सही कह रहे हैं पूर्वांचल विवि के अलावा भी जाहिल होते हैं सब अाप की ही तरह. जरा सोचिये बिलकिस बानो अापकी बहन होती तो कैसा लगता जिसे सामूहिक बलात्कार के बाद मरा समझ छोड़ दिया पर वह जिंदा बच गयी हो? वह अौरत जिसका गर्भ चीरकर अाग में डाल दिया गया हो वह अापकी मां होती तो कैसा लगता? माओ के बारे में अापकी जानकारी संघी अफवाहों पर अाधारित है, उसे तथ्यों से दुरुस्त करें. संघी जहालत इतनी खतरनाक होती है कि मुद्दा कुछ भी हो उनके सिर पर मार्क्सवाद का भूत सवार हो जाता है अौर तोतागीरी में प्रशिक्षित ये किसी ओझा के पास जाने की बजाय अभुअा अभुअा कर वातावरण प्रदूषित करते हैं. जहालत से मुक्ति पाओ संघी तोतों.
यानि चूंकि अौर भी नरसंहार हुये हैं इस लिये अापलोग मोदी अायोजित गोधरा अौर उसके बाद के अमानवीय नरसंहार-बलात्कार को वाजिब मानते हैं. धिक्कार है अापके मनुष्य होने पर.
यानि चूंकि अौर भी नरसंहार हुये हैं इस लिये अापलोग मोदी अायोजित गोधरा अौर उसके बाद के अमानवीय नरसंहार-बलात्कार को वाजिब मानते हैं. धिक्कार है अापके मनुष्य होने पर.
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