Tuesday, November 14, 2017

जंगल का चयन

पढ़ सकते थे स्कूल में 'सरल- अध्ययन'
मैंने मगर पढ़ना 'कठिन अध्ययन' चुना
चल सकता था सपाट पगडंडियों पर सरपट
मगर मैं ऊबड़-खाबड़ों में अनजान रास्ते बनाना चुना
डाल लेता गर सर झुका कर चलने की आदत
आसान हो जाती ज़िंदगी की जद्दो-जहद
मगर मैंने ऊंची कीमत अदा कर सर उठाकर जीना चुना
लिख देता दो लाइन का माफीनामा
होता न निष्कासन गुरुकुल से बन जाता गुरू
मगर मैंने लिखना इंकिलाबी हलफनामा चुना
कर सकता है हर कोई आसान काम
इसीलिए मैंने कठिनाई में जीना चुना
समाज तय करे मेरा वानप्रस्थ्य
इससे बेहतर खुद ही जंगल जाना चुना
गर्दिश का रोना तो आम है
मैंने गर्दिश का लुत्फ उठाना चुना
(ईमि: 14.11.2017)

नोटः हम जब स्कूल में थे तो पूर्वी उप्र में किसी विषय की कुंजी 'सरल अध्ययन' कही जाती, जैसे भौतिकशास्त्र सरल अध्ययन। हमारे हिंदी शिक्षक, रामबली सिंह बहुत बढ़िया पढ़ाते थे, सुंदर हास्यबोध के साथ। वे कहते थे, "When the get सरल अध्ययन, why would they will go for कठिन अध्ययन"?

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