Tuesday, December 4, 2012

अश्कों के समंदर का ख़तरा


तेरी आँखों से टपका जो पानी का कतरा
पैदा हो गया अश्कों के समंदर का ख़तरा
यही है तो है तुम्हे चाहने वालों की अदा
तैरना गहराइयों में उनकी खासी अदा
तूफ़ान में निकलते हैं जब वे परवाज पर
मिजाज़-ए-तूफ़ान बदल जाता इस अंदाज़ पर

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