इतनी बर्बर हिंसात्मक उग्रता से ६ लोगों द्वारा बस में बंद कर एक लड़की और उसके दोस्त पर हमला करने वाले ६ लड़कों के दिमाग में यह यह दरिंदगी का विचार कहाँ से आया. एक बाप ने आज नकी खबर है कि अपनी दो साल की बेटी का बलात्कार किया. इसे क्या कहा जाय? इसे पशु-प्रवृत्ति कहना पशुओं नको बदनाम करना है, पशु संबंधों में शायद गोपनीयता नहीं रहती लेकिन वे बलात्कार नहीं करते और इतने छोटे बच्चों के साथ दरिंदगी. जिन बच्चों को गोद में लेकर दुलारने का अद्भुत सुख का अनुभव होता है किसी को उसके जनानाग क्षत-विक्षत करके कोई यौन-संतुष्टि मिल सकती भाई क्या? यह अमानवीय मनोवृत्ति पैदा कहाँ से होती है? सुनते हैं मनुष्य के अंदर विवेक और अन्ततरातमा दोनों होते हैं कैसे किसी का विवेक अपनी बेटी छोडिये, किसी भी बच्ची के साथ बलात्कार की अनुमति दे सकता है और उसकी अंतरात्मा उसे रोकती नहीं? बच्ची के साथ छोड़िये क्या मिलता ही बलात्कारी को किसी मनुष्य को अमानवीय पीड़ा पहुँचाने में? यौन-संतुष्टि तो मिल नहीं सकती. क्या प्रेरणा श्रोत है इस मानसिकता का? ये सावाल बचपन से मेरे लिये असुलझ बने हुए हैं.
Sunday, December 23, 2012
लल्ला पुराण ५५
इतनी बर्बर हिंसात्मक उग्रता से ६ लोगों द्वारा बस में बंद कर एक लड़की और उसके दोस्त पर हमला करने वाले ६ लड़कों के दिमाग में यह यह दरिंदगी का विचार कहाँ से आया. एक बाप ने आज नकी खबर है कि अपनी दो साल की बेटी का बलात्कार किया. इसे क्या कहा जाय? इसे पशु-प्रवृत्ति कहना पशुओं नको बदनाम करना है, पशु संबंधों में शायद गोपनीयता नहीं रहती लेकिन वे बलात्कार नहीं करते और इतने छोटे बच्चों के साथ दरिंदगी. जिन बच्चों को गोद में लेकर दुलारने का अद्भुत सुख का अनुभव होता है किसी को उसके जनानाग क्षत-विक्षत करके कोई यौन-संतुष्टि मिल सकती भाई क्या? यह अमानवीय मनोवृत्ति पैदा कहाँ से होती है? सुनते हैं मनुष्य के अंदर विवेक और अन्ततरातमा दोनों होते हैं कैसे किसी का विवेक अपनी बेटी छोडिये, किसी भी बच्ची के साथ बलात्कार की अनुमति दे सकता है और उसकी अंतरात्मा उसे रोकती नहीं? बच्ची के साथ छोड़िये क्या मिलता ही बलात्कारी को किसी मनुष्य को अमानवीय पीड़ा पहुँचाने में? यौन-संतुष्टि तो मिल नहीं सकती. क्या प्रेरणा श्रोत है इस मानसिकता का? ये सावाल बचपन से मेरे लिये असुलझ बने हुए हैं.
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