Sunday, September 23, 2012

फिर कभी फिर नहीं आता


फिर कभी फिर नहीं आता
ईश मिश्र
फिर कभी फिर नहीं आता
फिर फिर का प्रतिध्वनि होता है
नहीं दुहराता इतिहास खुद को कभी
सिर्फ प्रतिध्वनित होता है 

नहीं होंगे चाहत के ये काले बादल
फिर से जी डराने वाले
इस बार ये धरती को सरोबार कर देंगे
नहीं फेरेंगे अरमानों पर पानी
अबकी ये उन्हें गुलज़ार कर देंगे.

रविवार, 23 सितम्बर 2012१३:०२ अपराह्न

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