यह आज की ही बात नहीं
इतिहास की रवायत है
करता है जो जितना भीषण रक्तपात
पहनता है उतना ही भारी ताज
बन जाता फिर देवदूत या कल्कि अवतार
हो जाती आराधना में भक्तों की भरमार
करते जो चमत्कार की प्रतीक्षा तब तक
लेता नहीं प्रभु जब तक अगला अवतार
(बहुत दिनों बाद कलम की आवारगी)
(ईमि: 19.07.2017)
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