Friday, July 28, 2017

मार्क्सवाद 71 (जनाधार)

इस पर मैंने समाजवाद-6 (समयांतर अगस्त) लेख में लिखा है। पेरिस कम्यून के पास सर्वहारा का हिरावल दस्ता था। एक लाख नेसनल गार्ड थे जिनके पास राइफलें ही नहीं तोपें भी थीं। थियर के दस्ते में बगावत के बाद 27,000 सैनिक थे। मार्क्स कम्यून के नेताओं को संदेश भेजते रहे कि पूंजीवादी दलालों की बातों पर न यकीन कर हमला करने की, लेकिन सेंट्रल कमेटी ने उसे और धनपशुओं को शुकून से वर्साय जाने दिया और कम्यून के खिलाफ दुनिया के प्रतिक्रांतिकारियों को एकजुट होने का मौका दिया। कम्यून के नेताओं में मार्क्सवादी कोई नहीं था, उनमें सैद्धांतिक स्पष्टता और सामरिक रणनीति का अभाव था। नेसनल गार्ड में कमांड को लेकर आपसी गुटबाजी भी थी।

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