Friday, December 23, 2016

मोदीनामा

मितरों मैं हूं चायवाला नरेंद्र दामोदर मोदी सामासिक संस्कृति की कब्र हमने खोदी देते हैं ऐसे-ऐसे दिलफेंक बयान फेल हो जाते खुदाओं के फरमान सूली पर चढ़ा देना मुझको ताजशाही के सौ दिन बाद किया न अगर पंद्रह-पंद्रह पेटी से हर घर को आबाद मिली न पेटी किसी को हजार दिन बाद समझना न इससे मुझे महज जुमलेबाज लटका नहीं सकते वैसे तुम मुझे शूली पे रहता हूं मैं ज़ेड-प्लस की किलाबंदी में ले आता मैं विदेश से अपार काला धन विपक्ष बन गया मगर रास्ते की अड़चन करता जब तक मुल्क काले धन से आबाद राष्ट्रवाद पर लगा गुर्राने नापाक आतंकवाद काले धन पर पलते हैं आतंकवादी और नक्सल नोटबंदी से ठिकाने लाऊंगा इनकी अकल मितरों अद्वितीय है राष्ट्र के लिए यह आत्मबलिदान बैंकों की कतारों में दे रहे लोग देशभक्ति का इम्तहान नमकहलाली के उसूलों से अटका विदेशीे कालेधन का वादा अडानी की जहाज में चलने का है कुछ अलग ही फायदा भूल जाइए मितरों विदेशी काले-पीले धन की बात पैदा कीजिए काले धन केराष्ट्रवादी स्वदेशी जज्बात बहुत से काले बाजारिए भेष बदल चीथड़ों में घूमते हैं रिक्शा या ऑटो चलाकर भोली जनता को लूटते हैं इसीलिए मितरों मैंने फेंका नोटबंदी का अचूक जाल भूखे-नंगे ही नहीं मध्यवर्गीय कालाबाजारियों का भी काल नोटबंदी ने लगा दिया कालाबाजारियों को लंबी लंबी कतारों में खंघाल कर काले धन की पाई-पाई रख दिया बैंक लॉकरों में मितरों था देश में बैंकों में नगदी का संकट विकास में बाधा कुछ देशभक्त पूरा न कर सके बैंकों से कर्ज लौटाने वादा टल गया फिलहाल देश से बैंकों के दिवालिएपन का संकट भारतमाता की खातिर झेलिए थोड़ा और भुखमरी का कष्ट किया था पंद्रह पेटी विदेशी काले धन का वायदा मिलेगा हर किसी को देशी काले धन का फायदा विदेशी काले धन के लिए रखा था सौ दिन की मियाद देशी काले धन का वायदा महज पचास दिन बाद शूली पर चढ़ाने की तब की थी गुजारिश ज़िंदा जलाने की करता हूं अबकी सिफारिश मितरों देख रहा हूं नहीं कमती बैंकों की कतार देशभक्ति की परीक्षा देनी पड़ती बार बार पांच दिन बाद हो जाएगी पूरी पचास दिन की मियाद करूंगा का मुल्क से तब कोई नई राष्ट्रवादी फरियाद इस बार भी आप ज़िंदा जलाने का अपना फर्ज न निभा पाएंगे जबतक है सिर पर ताज़ हम ज़ेड-प्लस से बाहर न आएंगे पांच साल नाकाफी है मिटाने को 70 साल की देशद्रोही दुर्गंध अगले पांच साल में मितरों फैला दूंगा राष्ट्रवादीे चंदन की सुगंध मांगता हूं पिछले पांच सालों की भूलचूक की राष्ट्रवादी मॉफी अगले पांच सालों में लगाऊंगा चिलम में हिंदू राष्ट्र की साफी (यूं ही) (ईमि : 24.12.2016)

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