Tuesday, December 13, 2016

नोटबंदी 8

अडानी की जहाज से उतरकर
उसने हुंकार किया
झेला है उसने चाय बेचने का संताप
इसीलिए किया नोटबंदी
बिक न सके जिससे
किसी चायवाले की चाय
बंद हो जाएगा धरती पर चाय बेचने का पाप

लगाकर माथे से मनुस्मृति
उसने पिछड़ी जाति जन्मने का प्रलाप किया
झेलनी न पड़े किसी और को आरक्षण की जिल्लत
उसने शिक्षा-नियुक्ति के निजीकरण का रास्ता साफ किया
कहा श्रमेव जयते
मजदूरों के अधिकारों के सब कानून नेस्तनाबूद किया

56 इंच का सीना तान
किया था इसने हुंकार रैलियों में ऐलान
विदेशी बैंकों में पड़ा काले धन में बसती
देश की खुशहाली की जान
कालाबाजारियों मगर सब इसके खास हैं
तो इसने चली नोटबंदी की चाल
कैशलेस के शगूफे से कर दिया रिटेल सेक्टर तबाह
साफ हो गई विश्वबैंक की मंशा से रिटेल में यफडीआई की राह

कहा था इसने किसी ललकार-हुंकार रैली में
बना जिस दिन वह शहंशाह
100 दिनों में लाएगा विदेशों से धन अथाह
बांट-देगा प्रजा में बिना भेदभाव
हर प्रजा को देगा 15-15 लाख
करने लगे जब लोग अपने हिस्से की बात
मन में आयी इसके उनकी ही जेबें लूटने की खुराफात
लुटते हुए भी भक्त हैं भक्तिभाव से ओतप्रोत
भगवान के लि सहना कष्ट वरदान है न कि प्रकोप
(ईमि: 13.12.2016)

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