इतना तवज्जो देने के लिए आभार, कर्ण सिंह चौहान जी. मैंने जगदीश्वर का वह लेख पढ़ा था और मुझे वह व्यंग्य सा लगा था. मैं पॉलिटिकल इकॉनमी का विद्यार्थी हूं और विश्वबैंक पालित 'न्यू पॉलिटिकल इकॉनमी' के अर्थशास्त्रियों द्वारा तीसरी दुनिया में निर्दयता से 'आर्थिक सुधार' लागू करने के सझाए विचारों और रणनीतियों के संदर्भ में इस पर एक लेख लिख रहा हूं. आपके आकलन से मैं अंशतः सहमत हूं कि काफी लोग, खासकर पढ़े-लिखे सवर्ण, सोचते हैं कि इससे अंततः भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा, इसके पीछे उनके पास तर्क नहीं है, मोदीजी की चमत्कारितक क्षमताओं में उनकी आस्था है. ऐतिहासित तथ्यों और दक्षिणपंथी उग्रवाद की अपनी समझ के आधार पर कह सकता हूं कि भक्तिभाव प्रधान इस देश में मोदी गिरोह जीते या हारे लेकिन देश की हार होगी, इसलिए नोटबंदी एक देशद्रोही फैसला है.
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