सपने में दिखे उसे प.पू. गुरूजी
बोंले कम है व्यक्तित्व का गुरुत्व
खुलते ही अांख वह हकबका कर उठा
डाल लिया पजामें में इजारबंद
किसी ज्यादा घनत्व की धातु का
जानता नहीं था वह इस धातु के रासायनिक गुण
कि बदलता है इसका अायतन तापमान के साथ
होते ही मौसम गर्म बढने लगा इजारबबंद का अायतन
अौर घटने लगा घनत्व
समझते जब तक वैज्ञानिक घनत्व घटने का राज
पिघलने लगा इजारबंद
ठोस से द्रव में तब्दील हो रिसने लगी धातु
सरकने लगी कमर के नीचे
गुरुत्वाकर्षण के नियम के अनुसार
कोसने लगा प.पू.गुरूजी को
जो उत्तरी ध्रुव को बिहार में बैठाकर चले गये
धातु अपने रासायनिक गुण के अनुसार लेती रही अाकार
घटने लगा गुरुत्व इजारबंद का
अागे की बात अगली खबर के बाद.
(ईमिः16.11.2014)
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