Himesh Prabhakar संघी विवेक-मुक्त तोता होता है, विषय कुछ भी हो बाबर-बाबर चिल्लाने लगता है. बाबर देश का दामाद नहीं, क्योंकि जिस देश की बात बजरंगी तोते रटते हैं वह देश था ही नहीं. दिल्ली सल्तनत थी अौर मेवाड़ राजघराना.हां वह राणा सांगा का शायद दामाद रहा हो जिसने क्षुद्र स्वार्थों के लिये उसे दिल्ली सल्तनत पर हमले के लिये अामंत्रित किया था. य़ह अलग बात है कि वह शायद बिना निमंत्रण के भी आक्रमण करता. क्योंकि सल्तनते, चुनावी सरकस से नहीं तलवार के खेल से बनती बिगडती थीं. बाबर को रोकने की कोशिस किसी सांगा ने नहीं इब्राहिम लोदी ने किया था. जब बाबर की सेनायें हिंदूकश से अागरा तक बढ़ रही थी तो "देश" के शूर-वीर क्या गाय चरा रहे थे? कभी-कभी अफवाह-जन्य ज्ञान से ऊपर उठ इतिहास भी पढ़ लिया करो बजरंगी वीरों. अब बताओ अडानी मोदी सरकार का दामाद है या ससुर?
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आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 20-11-2014 को चर्चा मंच पर तमाचा है आदमियत के मुँह पर { चर्चा - 1803 } में दिया गया है
ReplyDeleteआभार
शुक्रिया
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